आम आदमी जब किसी ताकतवर आदमी से बढ़ता है तो वह केवल लाचारी और बेसरा होता है लेकिन निर्देशक अपूर्व कार्य की की बनाई गई फिल्म सिर्फ एक बंदा काफी है एक ऐसी कहानी है जिसमें मैन वर्सेस गॉडमैन की जंग दिखाई गई है दिलचस्प बात यह है कि इस जंग में आम आदमी की जीत हो जाती है और गॉडमैन की हर हो जाती है
सिर्फ एक बंदा काफी है फिल्म कब रिलीज हुई थी
फिल्म 23 मई 2023 को सिनेमाघर में रिलीज हुई थी
यह फिल्में आपका सिनेमा जादू में फिर से विश्वास पैदा कर सकती है फिल्म का नाम है सिर्फ एक ही बंदा काफी है और यह फिल्म मनोज वाजपेई के अहम किरदार के साथ पूरी हुई है.
सिर्फ एक बंदा काफी है की कहानी मैं ऐसा क्या है
सबसे पहले हम सिर्फ एक बंदा काफी है की कहानी की बात करें तो इसकी कहानी आपको ऐसी लगेगी कि आपने पहले देखी हो या सुनी हो. इस फिल्म के माध्यम से आपको कई साल पुराने घटना चक्र या घटनाक्रम याद आ जाएंगे यह कहानी एक बाबा के ऊपर है जो अपने आप को गुरु कहलाते थे और एक आश्रम चलाते हैं.
जो बाबा यह आश्रम चलते हैं इस आश्रम की एक स्कूल में पढ़ने वाली नाबालिक लड़की ने जिसका नाम नूह सिंह है उसने बाबा के ऊपर बलात्कार का केस दर्ज कराया है जब यह कैसे कोर्ट में पहुंचा तो बाबा के साथ उसको बचाने के लिए शर्मा जी के अलावा बहुत सारे बड़े-बड़े वकील बाबा के साथ खड़े थे और वहीं दूसरी तरफ यह लड़की जिसका कैसे था उसके साथ पीसी सोलंकी ने उस लड़की का केस लिया जो कि अकेला था वह पीसी सोलंकी एक व्यक्ति होने के कारण इस फिल्म को सिर्फ एक ही बंदा काफी है नाम दिया है.
हिंदी सिनेमा घरों में कई फिल्मों में आपने कोर्ट में देखा होगा की कोर्ट रूम ड्रामा होता है लेकिन सिर्फ एक बंदा काफी है फिल्म में ऐसा कुछ नहीं होता इस दर्जे की फिल्म अभी तक की सबसे मौलिक फिल्म कहीं जा सकती है इस फिल्म में ना तो कोई जोर से चिल्लाता अर्दली और ना क्लोजिंग स्पीच पर तालियां बजाते कोर्ट रूम में बैठे लोग और इस फिल्म की कहानी इतनी कसी और टाइट है की आपको सोचने तक का ठहरने और रोकने तक का समय नहीं मिलेगा यही बात OTT रिलीज के लिए बेहद जरूरी हो जाती है
निर्देशक अपूर्व के बारे में कुछ तथ्य
फिल्म सिर्फ एक बंदा काफी है के निर्देशक और पूर्व सिंह कर की बधाई के पात्र हैं उन्होंने इस फिल्म को इस तरीके से गड़ा है कि अक्सर ऐसे कोर्ट रूम ड्रामा में भावनाओं से भरे लंबे चौड़े मोनोलॉग मिल जाते थे लेकिन तारीफ करनी होगी की दीपक किंग रानी लेखक ने इस कहानी में किसी की भी कोरी भावनाओं का इस्तेमाल नहीं किया है यह कहानी एक सही ढंग से गढने की कोशिश की है और उनकी लेकिन क्लोजिंग स्पीच को सुनने का मजा ही कुछ और आता है.
फिल्म की कहानी मनोज बाजपेई का किरदार
सिर्फ एक बंदा काफी है इस फिल्म की कहानी में आपने पहले सीन से और आखिरी सीन तक आपको मनोज बाजपेई जी के अनोखी किरदार आपको कहीं जाने नहीं देगा यह आपको एक जगह बंद कर रख देगा यह काम केवल एक ही बंदा कर सकता है जिसे आप जानते हो वह है मनोज बाजपेई सिनेमाघर में अच्छी फिल्म अच्छे सिनेमा और अच्छा किरदार पर विश्वास जगाने के लिए और एक फिल्म के जरिए पूरी सिलेबस पढ़ने के लिए एक ही बंदा काफी है मनोज बाजपेई. जब वह अपने से बड़े-बड़े वकीलों के सामने कैसे लड़ते हैं
तो उनकी बॉडी लैंग्वेज आप सबको हैरान कर देगी मनोज बाजपेई अपने हर एक किरदार में ऐसा जादू कर देते हैं जिसको देखकर आप सब हैरान हो जाते हो वह जज के सामने अपना बात रखते हुए. अपने आत्म-विश्वास के साथ अपने बड़े सीनियर वकील की इज्जत या फिर अपने परिवार की जान पर मडराता खतरे को एक साइड कर, लड़ते रहते हैं
यह सब आप एक ही व्यक्ति के अंदर देख रहे हैं वह भी एक सीन में है मनोज बाजपेई ने इस फिल्म में अपनी परफॉर्मेंस से इस फिल्म को सालों से याद रखी जाएगी वह फिल्म बना दिया खासकर इस फिल्म की क्लाइमैक्स जिसमें मनोज की बातौं के साथ उनके हाथ की उंगलियां भी अलग अभिनय करती नजर आती हैं
इस फिल्म के अन्य किरदार
यह फिल्म मनोज बाजपेई की है उन्होंने तो जबरदस्त किरदार निभाया है लेकिन उसके अलावा अन्य कलाकार भी वर्कर नजर आए हैं जैसे बाबा के किरदार में नजर आए सूर्य मोहन कुलश्रेष्ठ ने कुछ ही डायलॉग बोले थे लेकिन उन्होंने अपने लुक्स और हवाओं से अपने अंदर नफरत पैदा करने का काम बखूबी निभाया था
दूसरी तरफ नूह सिंह के किरदार में नजर आई अर्दिजा सिंहा ने एक बेहतरीन किरदार निभाया है वह जब भी पर्दे पर नजर आएंगे तब उनकी आंखों में आप महसूस कर सकते हो की पीड़ा कैसी है कैसी रही होगी. दूसरी तरफ के वकील के तौर पर नजर आए विपिन शर्मा लड़ते हुए केस को देखकर आपको फिर से बाह सकते हैं.
Zee5
Zee5 पर रिलीज हुई सिर्फ एक बंदा काफी है फिल्म एक बेहतरीन फिल्म है और हम कह सकते हैं कि 2023 में यह फिल्म रिलीज हुई है तो इस फिल्म को बिना किसी if और but के सब के दिल स्वीकार कर सकते हैं.
मनोज बाजपेई से जुडी कुछ बातें
बिहार के हीरो बनने के लिए आए मनोज वाजपेई को NSD नेशनल स्कूल आफ ड्रामा में दाखिला नहीं दिया गया था और इस बात का उन्होंने कई सालों तक मलाल किया था लेकिन पिछले कुछ सालों में मनोज बाजपेई ने अपने अभिनय में जो नया कमाल किया है वह NSD की किताबों में पाठ के माध्यम से जरूर शामिल होगा और अगर ऐसा हुआ तो उन सभी स्टूडेंट को “सिर्फ एक बंदा काफी है” फिल्म जरूर देखनी चाहिए.
सिर्फ एक बंदा काफी है की कहानी को रेटिंग कितनी मिली थी?
मनोज बाजपेई की फिल्म सिर्फ एक बंदा काफी है को 4.1 की रेटिंग मिली थी.
सिर्फ एक बंदा काफी है स्क्रीनप्ले की रेटिंग कितनी मिली थी?
मनोज बाजपेई की फिल्म सिर्फ एक बंदा काफी है को स्क्रीनप्ले को 4 की रेटिंग मिली थी.
सिर्फ एक बंदा काफी है कोड डायरेक्शन को कितनी रेटिंग मिली थी?
मनोज बाजपेई की फिल्म सिर्फ एक बंदा काफी है को 4 की रेटिंग मिली थी
सिर्फ एक बंदा काफी है फिल्म के कलाकार कौन-कौन है?
इस फिल्म में कलाकारों के नाम है मनोज बाजपेई विपिन शर्मा सूर्य मोहन कुलश्रेष्ठ एड्रिजा सेवा आदि इस फिल्म में कलाकार हैं
सिर्फ एक बंदा काफी है के निर्देशक कौन हैं?
सिर्फ एक बंदा काफी है फिल्म के निर्देशक का नाम अपूर्व सिंह कार्की है.
सिर्फ एक बंदा काफी है फिल्म की अवधि कितनी है?
सिर्फ एक बंदा काफी है मनोज बाजपेई की फिल्म की अवधि 2 घंटे 12 मिनट की है
सिर्फ एक बंदा काफी है रिलीज प्लेटफॉर्म कौन सा है?
सिर्फ एक बंदा काफी है यह फिल्म G5 पर रिलीज हुई थी
सिर्फ एक बंदा काफी फिल्म को कितनी रेटिंग मिली है?
सिर्फ एक बंदा काफी मनोज वाजपेई की फिल्म को चार की रेटिंग मिली थी.
सिर्फ एक बंदा काफी है फिल्म किस पर आधारित है?
मनोज बाजपेई की फिल्म सिर्फ एक बंदा काफी है यह स्वयंभू धर्म गुरु आसाराम बापू की हाई प्रोफाइल सजा पर आधारित है और यह फिल्म G5 पर स्ट्रीमिंग के लिए उपलब्ध की गई थी.